Tuesday, 28 March 2017

बदलते समय में बदलता बाल साहित्य

     

      बदलते समय में बदलता बाल साहित्य




दिनांक 25 मार्च 2017 को कमला नेहरू कॉलेज फ़ॉर विमेन , फगवाड़ा के प्रांगण में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास , नई दिल्ली, भारत और कमला नेहरू कॉलेज फ़ॉर विमेन , फगवाड़ा के तत्वावधान में बाल साहित्य पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस विचार गोष्ठी का विषय था
' बदलते समय में बदलता बाल साहित्य '
आज पंजाब के छोटे से शहर फगवाड़ा में यहाँ के  कमल नेहरू विमेंस कॉलेज और नेशनल बुक ट्रस्ट ने मिलकर एक गोष्ठी का आयोजन किया। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ किरण वालिया के सहयोग से हुए इस आयोजन में कॉलेज की छात्राओं के साथ पंजाब के कॉलेज से जुड़े शिक्षक भी शामिल हुए। बदलते समय में बाल साहित्य की स्थिति और सरोकारों पर विस्तार से चर्चा की गई और वक्ताओं ने समय के साथ बदलते हुए बच्चों, उनकी बदली हुई रूचियों और उनके लिए उनकी आज की दुनिया से जुड़ी विषय-वस्तु पर गंभीरतापूर्वक विमर्श किया। विमर्श में शामिल थे- कमला नेहरू कालेज फार विमेन, फगवाड़ा की प्रधानाचार्या डा. किरण वालिया, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के संपादक श्री पंकज चतुर्वेदी, हिंदी और पंजाबी के जाने-माने बाल साहित्यकार दर्शन सिंह आशट, बाल पत्रिका ‘नंदन’ के श्री अनिल जायसवाल, आकाशवाणी की पूर्व निदेशक श्रीमती रश्मि खुराना, बाल साहित्यकार तथा प्रकाशक श्रीमती रेनू चौहान, साहित्यकार श्री कमलेश भारती, डा. प्रीत अरोड़ा, बलप्रीत, रूपिका भनोट और देवेन मेवाड़ी। कार्यक्रम के आरम्भ में पंकज चतुर्वेदी जी ने बॉल साहित्य की जरूरत और बच्चों की बाल साहित्य में भागीदारी पर प्रकाश डाला। प्राचार्या डॉ किरण वालिया जी कॉलेज की युवा छात्राओं से आह्वान किया कि अब उनका समय है और उनका ही दायित्व है कि वो बच्चों को साहित्य से जोड़ें और साहित्य को आगे बढाने का दायित्व संभाले। अच्छी बात यह थी कि सभी वक्ताओं की मुख्य चिंता यही थी कि साहित्य या बाल साहित्य से विमुख होते बच्चों को कैसे इससे जोड़ा जाय? सबकी अलग अलग राय थी पर लब्बो लुआब यही कि बच्चों को पुस्तकों से जोड़ने के लिए पहले माता पिता को पुस्तको से जुड़ना पड़ेगा। आकाशवाणी जालंधर की पूर्व निदेशिका डॉ रश्मि खुराना ने बच्चों से संवाद करने, उनके अस्तित्व को स्वीकार करने की जरूरत पर बल दिया। साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता और बाल साहित्यकार दर्शन सिंह आशट ने पुराने लोकप्रिय कथाओं को आज के बच्चों के मन के हिसाब से ढालने की जरुरत पर बल दिया। डॉ कमलेश भारतीय, डॉ प्रीत अरोड़ा तथा अन्य वक्ताओं के चिंतन के केंद्र में भी बालक और उनका साहित्य था। रेनू चौहान जो खुद बाल साहित्यकार और अब प्रकाशक भी हैं, ने बाल साहित्य और प्रकाशन पर प्रकाश डाला। नंदन पत्रिका से जुड़े बाल साहित्यकार अनिल जायसवाल  ने बाल पत्रिका और उसकी समस्याओं के साथ निजी प्रयास से निकलने वाली पत्रिकाओं पर बात की। समारोह के अध्यक्ष प्रसिद्ध विज्ञान कथाकार और प्रकृति के कुशल चितेरे देवेन मेवाड़ी जी थे। उन्होंने अपने अनुभवों से बताया कि बाल मन को खुलने का मौका दो। उसे खिलने का मौका दो। उस पर कुछ थोपो नहीं। कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं ने भी सवाल पूछे और अपने विचार व्यक्त किए। बाल साहित्य पर विमर्श का यह एक सार्थक दिन रहा।
       इस अवसर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत द्वारा प्रकाशित श्री विष्णु प्रभाकर तथा श्री अमर गोस्वामी द्वारा लिखित  बाल कहानियों की दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इन पुस्तकों की समीक्षा डा. आशा शर्मा तथा श्रीमती सुमन लता ने की।
प्रस्तुत हैं गोष्ठी की कुछ तस्वीरे



पंकज चतुर्वेदी जी कालेज की प्राचार्या डा. किरण वालिया 
को विमोचन के लिए लाई गई पुस्तक भेंट देते हुए


डा. प्रीत अरोड़ा अपनी बात रखते हुए

उपस्थित छात्राओं के संग प्राचार्या और पंकज जी

प्राचार्या डा. किरण वालिया अनिल जायसवाल का सम्मान करते हुए

पुस्तक का विमोचन

छात्राएं गोष्ठी में भाग लेते हुईं

कमलेश भारतीय का सम्मान करते हुए प्राचार्या डा. किरण वालिया 

फुर्सत के क्षण में प्राचार्या जी के आफिस में


डा. रश्मि खुराना(बाएं) का सम्मान करते हुए प्राचार्या डा. किरण वालिया 

डा. आशा शर्मा, हिंदी विभागाध्यक्ष, कमला नेहरू कालेज, अपनी बात रखते हुए

 नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टाल पर छात्राएं

 डा. दर्शन सिंह आशट  का सम्मान करते हुए प्राचार्या डा. किरण वालिया



                                         समारोह के अध्यक्ष देवेन मेवाड़ी अपनी बात रखते हुए


लेखिका और प्रकाशक  रेनू चैहान 


अनिल जायसवाल, डा. दर्शन सिंह आशट, देवेन मेवाड़ी और रेनू चौहान

कार्यक्रम के उपरांत कालेज प्रांगण में फुर्सत के क्षणों में


अखबारों में कार्यक्रम की रपट


















2 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. सराहनीय आयोजन के लिए बधाई ।
    Sahityikmoradabad.blogspot.com

    ReplyDelete